नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर महीने में शेयर बाजार से 7,300 करोड़ रुपए की निकासी की है। इसके पीछे प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमत बढ़ना और राजकोषीय घाटे के दायरे में वृद्धि होना बताया जा रहा है।
इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने 19,728 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जो पिछले आठ महीने का उच्चतम स्तर था। इसकी अहम वजह सरकार का सार्वजनिक बैंकों में पूंजी डालने का निर्णय था। साथ ही उसी दौरान विश्व बैंक ने भारत की कारोबार सुगमता रेटिंग में सुधार भी किया था। मार्च के बाद यह सबसे अधिक एफपीआई निवेश था। तब शेयर बाजार में उन्होंने 30,906 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
डिपॉजिटरी डाटा के अनुसार 1-22 दिसंबर के बीच एफपीआई ने शेयर बाजार से 7,300 करोड़ रुपए की निकासी की है। हालांकि इसी अवधि में निवेशकों ने 1,356 करोड़ रुपए ऋण बाजार में निवेश भी किए। मॉर्निंग स्टार इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और राजकोषीय घाटे का दायरा बढ़ने से निवेशकों का रुख थोड़ा सावधानी भरा रहा है। इससे उन्हें क्रिसमस और नए साल से पहले मुनाफा वसूली का अच्छा मौका मिला, जिसके चलते उन्होंने निकासी की है।
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