FPI का मई के पहले सप्ताह में 16 हजार करोड़ रुपये का निवेश
पिछले दो महीने से घरेलू बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं विदेशी निवेश
नई दिल्ली। कोरोना से लड़ाई में भारत के अनुमानों से काफी बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर घरेलू बाजारों का रुख किया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानि एफपीआई ने मई के पहले हफ्ते में घरेलू पूंजी बाजार में 15,958 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। डिपॉजिटरी सेवा कंपनियों के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक मई से आठ मई के दौरान एफपीआई ने इक्विटी में 18,637 करोड़ रुपये लगाये। हालांकि उन्होंने बांड से 2,679 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह हफ्ते के दौरान उन्होंने 15,958 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश किये।
इससे पहले एफपीआई लगातार दो महीने से भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालते आ रहे थे। एफपीआई ने घरेलू पूंजी बाजार से मार्च में 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक और अप्रैल में 15,403 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। आर्थिक अध्ययन संस्थान मॉर्निंगस्टार इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, कि वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोनो वायरस महामारी के संभावित प्रभाव के कारण कायम अनिश्चितता के बावजूद एफपीआई ने इस सप्ताह अपना रुख बदल दिया है। श्रीवास्तव ने कहा कि इस निवेश के लिये कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में कई अन्य देशों की तुलना में भारत के बेहतर प्रदर्शन को इसका कारण माना जा सकता है। उन्होंने कहा, इसके अलावा, सरकार और रिजर्व बैंक के द्वारा द्वारा समय-समय पर अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये घोषित उपायों को भी निवेशकों ने सकारात्मक रूप से लिया है। हालांकि यह एफपीआई के निवेश पैटर्न में एक स्वागत योग्य बदलाव है, लेकिन यह छोटी अवधि की खरीदारी भी हो सकती है।
ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा,कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के द्वारा चीन के खिलाफ कार्रवाई की धमकी के कारण हम देख रहे हैं कि वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ रहा है। ऐसी खबरें वैश्विक निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित करती हैं।