FPI ने मार्च तिमाही में किया 2.2 अरब डॉलर का निवेश, सेवा क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित करने की क्षमता
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है।
नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है। कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों की उम्मीद, उत्साहवर्धक आर्थिक आंकड़ों तथा वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बीच विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजारों में प्रवाह बढ़ा है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के अनुसार, इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एफपीआई निवेश का आंकड़ा 2.6 अरब डॉलर रहा था। मासिक आधार पर एफपीआई ने जनवरी और मार्च महीने में क्रमश: 2.16 अरब डॉलर और 1.79 अरब डॉलर डाले थे। हालांकि, फरवरी में उन्होंने 1.77 अरब डॉलर के शेयर बेचे। शुद्ध निवेश प्रवाह के बावजूद बाजारों में गिरावट से शेयरों में एफपीआई निवेश का मूल्य घटा है। जनवरी-मार्च तिमाही में यह 414 अरब डॉलर रहा, जबकि इससे पिछली तिमाही में यह 442 अरब डॉलर था।
सेवा क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित करने की क्षमता: कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन सहित सरकार द्वारा चिन्हित किए गए 12 अग्रणी सेवा क्षेत्रों में वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने, भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।
केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में 12 चैंपियन सेवा क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए 5,000 करोड़ रुपए का समर्पित कोष स्थापित किया है। कोविंद ने यहां सेवाओं पर आयोजित वैश्विक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस सूची में ऐसे व्यावसायिक क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें वैश्विक निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने और साथ ही आर्थिक वृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने की क्षमता मौजूद है। इनका मकसद भारत के कौशल और ज्ञान आधारित संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना भी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सकल मूल्य वर्धन में सेवा क्षेत्र का योगदान 61 प्रतिशत तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि युवा आबादी और बड़े प्रतिभा समूह के साथ भारत को इन क्षेत्रों में स्वाभाविक लाभ प्राप्त है। उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत को उम्मीद है कि उसकी जीडीपी का आकार दोगुना होकर 5,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, इसमें से सेवा क्षेत्र का योगदान 3,000 अरब डॉलर तक हो सकता है।