नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) राजस्व के मामले में लगातार छठवें साल देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। वर्ष 2015 के लिए फॉर्च्यून 500 भारतीय कंपनियों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर रिलायंस इंडस्ट्रीज है। यह भी पिछले छह साल से इसी स्थान पर है।
आईओसी 4,51,911 करोड़ रुपए के राजस्व के साथ इस लिस्ट में पहले नंबर पर है, जबकि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्री का पूरे साल का राजस्व 3,82,565 करोड़ रुपए है। 2,67,025 करोड़ रुपए के साथ टाटा मोटर्स इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर है। पिछले साल यह पांचवें स्थान पर थी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 2,57,289 करोड़ रुपए के सालाना राजस्व के साथ इस लिस्ट में चौथे स्थान पर है। 2014 में इसका स्थाना छठवां था। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड 2,40,367 करोड़ के राजस्व के साथ इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर है। पिछले साल यह तीसरे स्थान पर थी।
यह लिस्ट ग्लोबल बिजनेस मैगजीन फॉर्च्यून के इंडियन एडिशन द्वारा तैयार की गई है। फॉर्च्यून इंडिया ने कहा है कि 2014 की तुलना में 2015 में कंपनियों का कुल राजस्व मामूली 2.7 फीसदी बढ़ा है और मुनाफा 5.9 फीसदी घटा है। इसमें कहा गया है कि 2010 में फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों का कुल राजस्व 38,16,000 करोड़ रुपए था, जो 2015 में बढ़कर 71,27,000 करोड़ रुपए हो गया है।
टॉप 10 में छठवें स्थान पर 2,13,380 करोड़ रुपए के साथ हिंदुस्तान पेट्रोलियम, 1,65,161 करोड़ रुपए के साथ सातवें स्थान पर ओएनजीसी, 1,41,669 करोड़ के साथ आठवें स्थान पर टाटा स्टील, 1,06,897 करोड़ के साथ नौंवे स्थान पर हिंडाल्को तथा 98,368 करोड़ के साथ दसवें स्थान पर टीसीएस हैं। फॉर्च्यून इंडिया की इस लिस्ट में आइडिया सेल्यूलर (47), एशियन पेंट्स (85), टीवीएस मोटर कंपनी (125), गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (157), क्वालिटी (195), एजिस लॉजिस्टिक्स (271), श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस (303), ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (397) और परसिसटेंट सिस्टम्स (447) का नाम शामिल है। कंपनियों की ये रैंकिंग उनके कुल राजस्व पर आधारित है। अन्य इंडीविजुअल पैरामीटर्स में सालाना आधार पर कुल राजस्व में बदलाव, शुद्ध परिचालन आय, मुनाफा, संपत्ति, नेटवर्थ, डिविडेंड आदि हैं।
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