मुंबई। देश का फॉरेक्स रिजर्व एक बार फिर 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने में सफल रहा है। 20 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 1.5 अरब डॉलर बढ़कर यह 400.29 अरब डॉलर हो गया, जो 25,994.8 अरब रुपए के बराबर है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, विदेशी पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार आलोच्य सप्ताह में 1.47 अरब डॉलर बढ़कर 375.27 अरब डॉलर हो गया, जो 24,361.0 अरब रुपए के बराबर है। बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और इस पर भंडार में मौजूद पाउंड, स्टर्लिंग, येन जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है।
आलोच्य अवधि में देश का स्वर्ण भंडार 21.24 अरब डॉलर रहा, जो 1,388.2 अरब रुपए के बराबर है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में देश के विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 95 लाख डॉलर बढ़कर 1.50 अरब डॉलर हो गया, जो 97.6 अरब रुपए के बराबर है। आईएमएफ में देश के मौजूदा भंडार का मूल्य 1.43 करोड़ डॉलर बढ़कर 2.27 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 148 अरब रुपए के बराबर है।
वैश्विक जोखिम से निपटने के लिए देश में पर्याप्त मात्रा में है विदेशी धन
देश में विदेशी मुद्रा भंडार की मौजूदा स्थिति अप्रत्याशित वैश्विक जोखिम से निपटने के लिए पर्याप्त है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। वैश्विक वित्तीय सेवा इकाई डीबीएस की शोध रिपोर्ट के अनुसार देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार इस साल सितंबर में 402.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
डीबीएस की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार यह बताता है कि अगस्त 2013 में 275 अरब डॉलर के भंडार के बाद से यह लंबा रास्ता तय हुआ है।
विदेशी पूंजी प्रवाह में मजबूती, शुद्ध निवेश प्रवाह तथा चालू खाते के घाटे में कमी से मुद्रा भंडार बढ़ा है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले महीनों में उक्त कारकों में से कुछ में बदलाव हो सकता है और विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि धीमी हो सकती है। इसके अनुसार मौजूदा मुद्रा भंडार अप्रत्याशित वैश्विक जोखिम से निपटने के लिए पर्याप्त है।
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