नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार हाल ही में 500 अरब डॉलर यानि आधा ट्रिलियन डॉलर हो गया है। तमाम परेशानियों के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत माना जा रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अगर हम पीएम मोदी के पहले 6 वर्ष के कार्यकाल की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शुरुआती 6 वर्ष से करें तो पता चलता है कि पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान ज्यादा डॉलर जमा हुए हैं।
पीएम मोदी ने पहली बार मई 2014 में कार्यकाल संभाला था और उस समय देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 312 अरब डॉलर के करीब था, पिछले साल सत्ता में वापसी के बाद अब पीएम मोदी को सरकार में 6 साल हो चुके हैं और देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर को पार कर गया है, यानि 6 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में 188 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पहले 6 वर्ष के कार्यकाल को देखें तो उन्होंने मई 2004 में कार्यभार संभाला था और उस समय देश का विदेशी मुद्रा भंडार 118 अरब डॉलर के करीब था जो 6 साल यानि मई 2010 में बढ़कर 273 डॉलर तक पहुंचा था। यानि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पहले 6 वर्ष के कार्यकाल में विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 155 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी।
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