नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को कहा कि मॉरीशस के विदेशी निवेशक एफपीआई पंजीकरण के पात्र बने रहेंगे। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत उनकी निगरानी बढ़ाई जाएगी। वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने कर पनाहगाह मॉरीशस को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा था। इसके बाद यह घोषणा की गई है।
एफएटीएफ एक अंतर सरकारी नीति बनाने वाला निकाय है, जो धन शोधन रोधक मानक तय करता है। भारत में निवेश करने वाले एफपीआई में से एक बड़ी संख्या मॉरीशस में पंजीकृत है। एफएटीएफ के नोटिस के बाद कुछ कोष प्रबंधकों ने नियामक का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने मॉरीशस के जरिये एफपीआई पंजीकरण की वैधता को लेकर चिंता जताई थी।
सेबी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि मॉरीशस के विदेशी निवेशक एफपीआई पंजीकरण के पात्र बने रहें। एफएटीएफ नियमों के तहत उनकी निगरानी बढ़ाई जाएगी। पिछले कई साल से यह धारणा बनी हुई है कि सीमित निगरानी की वजह से एफपीआई के लिए मॉरीशस धनशोधन का जरिया बना हुआ है।
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