मुंबई। ब्रिटेन में ब्रेक्जिट के जनमत संग्रह के बाद मुद्रा बाजार में उथल पुथल के बीच 24 जून को समाप्त हुए सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार 3.03 अरब डॉलर घटकर 360.79 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव से लड़ने में किया जाता है।
यह भंडार इससे पूर्व के समीक्षाधीन सप्ताह में सर्वकालिक उंचाई 363.826 अरब डॉलर को छू गया था। रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.99 अरब डॉलर की गिरावट आने के कारण कुल मुद्रा भंडार में 3.03 अरब डॉलर की गिरावट आई। डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियां भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसी गैर अमेरिकी मुद्राओं की मूल्यवृद्धि और मूल्यहा्रस के प्रभावों को भी अभिव्यक्त करती हैं। बीते शुक्रवार को ब्रेक्जिट के परिणाम के आने के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक को डॉलर की बिकवाली करते हुए स्थिति में हस्तक्षेप करना पड़ा।
इस जनमत सर्वेक्षण के परिणाम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी उथल पुथल रही। स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.33 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में समीक्षाधीन सप्ताह में विशेष निकासी अधिकार भी 1.34 करोड़ डॉलर घटकर 1,489 अरब डॉलर रह गया जबकि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार 2.16 करोड़ डॉलर घटकर 2.398 अरब डॉलर रह गया।
यह भी पढ़ें- भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने बनाया नया रिकॉर्ड, पहुंचा 359.917 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर
यह भी पढ़ें- IMF ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर किया आगाह: Brexit
Latest Business News