नई दिल्ली। इस महीने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार को 4 साल होने जा रहे हैं। अगले साल फिर से देश में आम चुनाव होने हैं ऐसे में मौजूदा मोदी सरकार में हुए कामकाज की तुलना पहले की मनमोहन सिंह सरकार के कामकाज से होने लगी है। इस कड़ी में आज हम तुलना कर रहे हैं मोदी और मनमोहन के समय देश में जमा हुई विदेशी मुद्रा की।
देश में मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो यह रिकॉर्ड स्तर के करीब है। प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2014 में जब कार्यभार संभाला था तो भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 312 अरब डॉलर के करीब था। तब से लेकर अबतक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 106 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक 4 मई को खत्म हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 418.94 अरब डॉलर दर्ज किया गया है।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी को देखें तो इसमें करीब 58.45 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। RBI के आंकड़ों के मुताबिक मई 2009 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 254.20 अरब डॉलर था जो मई 2014 में बढ़कर 312.65 अरब डॉलर तक पहुंचा था।
यानि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल के दौरान देश में विदेशी मुद्रा भंडार में 58.45 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी जबकि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में 106 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा हुआ है। यानि मनमोहन सिंह के 5 साल के कार्यकाल के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में जितने डॉलर आए थे उससे लगभग 82 प्रतिशत ज्यादा डॉलर मोदी के 4 साल में जमा हो चुके हैं।
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