नई दिल्ली: खाद्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने केंद्र द्वारा खरीदे जाने वाले खाद्यान्नों के लिए समान विनिर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों की उपज की बिना किसी रोक-टोक के खरीदारी हो। सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम और अन्य खरीद एजेंसियों को दिये गये नियम-निर्देशों के मुताबिक किसानों से अनाज खरीदने के लिए कहा गया है। एजेंसियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से बिना किसी परेशानी के खरीद करने को कहा गया है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पहली बार, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने ग्रेड-ए और सामान्य चावल के फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से संवर्धित किये गये) चावल कर्नेल (एफआरके) के लिए समान विनिर्देश जारी किए गये हैं। पोषक तत्व संवर्धित चावल के स्टॉक की खरीद के मामले में, एफआरके (डब्ल्यू/डब्ल्यू) का एक प्रतिशत सामान्य चावल स्टॉक के साथ मिश्रित किया जाना है।
विभाग ने आगामी खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के लिए केंद्रीय पूल की खरीद के लिए खाद्यान्न खरीद के लिये यह निर्देश जारी किए। खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर से अगले साल सितंबर तक चलता है। मानक प्रथा के अनुसार ये विनिर्देश धान, चावल और अन्य मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी के संबंध में जारी किए गए हैं। बयान में कहा गया है, "राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि किसानों के बीच इन विनिर्देशों का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और उनकी उपज को अस्वीकृत किये जाने की स्थिति से पूरी तरह से बचा जा सके।"
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