नई दिल्ली। रिटेल मार्केट में प्याज का भाव 50 रुपए प्रति किलो तक पहुंचते देख सरकार इसकी कीमतों को काबू में करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने संबधित मंत्रालयों से निर्यात पर लगाम लगाने का आग्रह किया है। खाद्य मंत्री पासवान ने कहा है कि प्याज के निर्यात पर दी जा रही सुविधाओं को वापस लिया जाए और साथ में इसके निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की शर्त को दोबारा लागू किया जाए, उन्होंने न्यूनतम निर्यात मूल्य 450 डॉलर प्रति टन लागू करने का सुझाव दिया है।
हालांकि खाद्य मंत्री ने यह भी कहा कि देश में प्याज की सप्लाई पर्याप्त है और कीमतें जमाखोरों तथा बिचौलियों की वजह से बढ़ रही हैं, सभी राज्य सरकारों को ऐसे लोगों के साथ कड़ाई से निपटने के लिए कहा गया है। खाद्य मंत्री ने कहा कि इस साल देश में कुल 215 लाख टन प्याज का उत्पादन 215 लाख टन हुआ है जबकि पिछल साल देश में 209 लाख टन प्याज पैदा हुआ था। ऐसे में प्याज की सप्लाई में किसी तरह की कमी नहीं है।
देश के कई शहरों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में तो प्याज का रिटेल भाव 50 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसके अलावा कई मंडियों में भाव 35-40 रुपए प्रति किलो के बीच है, शुक्रवार को दिल्ली में भाव 36 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया है। कीमतों में और ज्यादा इजाफा न हो इसके लिए उपभोक्ता मंत्रालय पहले से ही तैयारी करता दिख रहा है।
सरकार सबसे पहले निर्यात पर ही अंकुश लगाना चाहती है, प्याज निर्यात पर मिल रही रियायतों की वजह से वित्तवर्ष 2016-17 के दौरान देश से 34.9 लाख टन प्याज का एक्सपोर्ट हुआ है जो अबतक का रिकॉर्ड है। वित्तवर्ष 2017-18 के पहले महीने यानि अप्रैल के दौरान भी देश से 3.20 लाख टन प्याज निर्यात हुआ है जो अप्रैल 2016 में हुए निर्यात के मुकाबले करीब 125 फीसदी अधिक है।
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