नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था अब धीरे धीरे कोरोना संकट से बाहर निकलने लगी है। बड़े आर्थिक संकेतों में सुधार के संकेतों के साथ साथ अब लोगों से सीधे जुड़े सेक्टर में भी सुधार देखने को मिला है। जोमेटो के मुताबिक भारतीय बाजार में खाना डिलिवरी करने का काम कोविड-19 संकट से पूर्व की स्थिति में पहुंच गया है। जोमैटो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपिंदर गोयल ने सोमवार को यह बात कही। गोयल ने खाना डिलिवरी करने के काम में आने वाले महीनों में 15 से 25 प्रतिशत माह दर माह बढ़त की उम्मीद जतायी। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘ऑर्डर की दृष्टि से देश में खाना डिलिवरी का काम कोविड-19 संकट से पूर्व के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। कई शहरों में यह काम कोरोना वायरस से पूर्व के 120 प्रतिशत पर पहुंच गया है।’’ एक के बाद एक ट्वीट में गोयल ने कहा, ‘‘ 23 मार्च 2020 से अब तक जोमैटो ने कुल 9.2 करोड़ ऑर्डर की डिलिवरी की है। कंपनी के डिलिवरी एजेंटो से किसी के कोरोना वायरस संक्रमित होने की कोई भी घटना सामने नहीं आयी है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ हफ्ते पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा था कि लोगों को खाने, पैक खाने, प्रसंस्करण करने और खाने की डिलिवरी से डरने की जरूरत नहीं है। लोगों को इसे लेकर सुरक्षित और सहज महसूस करना चाहिए।
कोरोना महामारी की वजह से जिन सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला था उसमें खाने पीने की होम डिलीवरी भी शामिल था। सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत, लॉकडाउन के प्रतिबंधों को देखते हुए फूड डिलिवरी कारोबार का काफी नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि कंपनियों द्वारा खाने की डिलिवरी को लेकर नियमों की सख्ती से पालन करने और कोरोना के आंकड़ों में कमी आने से लोगों को भरोसा बढ़ा है और फूड डिलीवरी कारोबार बढ़ गया है। वहीं जानकारों की माने तो बाहर जाकर खाने को लेकर लोगो की हिचक की वजह से भी खाने के डिलीवरी के कारोबार को सहारा मिला है, लोग अब बाहर जाकर खाना खाने की जगह घर पर ही बाहर का खाना मंगाना ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।
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