नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली फंसे कर्ज तथा गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की वसूली के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में चर्चा के लिए 12 जून को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। एनपीए के उच्च स्तर पर पहुंचने के बीच यह बैठक हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक 12 जून को होने वाली बैठक में फंसी संपत्ति की मौजूदा स्थिति के साथ बैंकों के संयुक्त मंच (जेएलएफ) के समक्ष लंबित मामलों पर चर्चा की जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान एक लाख करोड़ रुपए बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपए हो गया। मार्च 2016 को बैंकों का सकल एनपीए 5.02 लाख करोड़ रुपए था। मार्च 2015 में यह आंकड़ा 2.67 लाख करोड़ रुपए था।
प्रलोभन छोड़ें, शक्तियों का विकेंद्रीकरण करें: जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज सलाह दी कि राजनीतिज्ञों को ज्यादा से ज्यादा शक्तियां अपने पास रखने के आमतौर पर रहने वाले प्रलोभनों को छोड़ना चाहिए और सत्ता का विकेंद्रीकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक प्रभावशाली सरकार वही होगी जिसमें ऊंचे स्तर की विश्वसनीयता होगी।
नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में तीन साल पूरे होने के मौके पर राष्ट्रपति भवन में एक पुस्तक विमोचन समारोह में जेटली ने कहा कि सरकार ने जो शुरुआती नीतिगत फैसले लिए हैं उनमें किसी भी तरह के विवेकाधिकार की संभावना को समाप्त करना प्रमुख रहा है। इसका फायदा भी हुआ है। उन्होंने कहा कि राजकाज के बेहतर संचालन के लिए जरूरी है कि संचालन में उच्च मूल्य की विश्वसनीयता हो। ऐसे में राजनीति और राजनेताओं में अधिक से अधिक शक्तियां अपने पास रखने का जो प्रलोभन होता है, आपको वास्तव में उन शक्तियों का विकेंद्रीकरण करना चाहिए।
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