नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में कर्ज प्रवाह में नरमी को दूर करने के लिए अगले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। 17 नवंबर से शुरू होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक और वित्तीय संस्थान हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस और टाटा कैपिटल सहित निजी क्षेत्र के शीर्ष छह ऋणदाताओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के सीईओ भी मौजूद रहेंगे।
वित्त मंत्रालय ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के चेयरमैन और सीईओ को संबोधित एक पत्र में कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सहज तरीके से ऋण के प्रवाह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा की जाएगी तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान सहित सरकारी योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि बैंकों से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में तेजी लाने के लिए उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण मंजूर करने की अपील की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, दो दिन की बैठक 17 नवंबर से शुरू होगी और इसमें विभिन्न क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान सहित सरकारी योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया जाएगा। बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लेंगे और बैंकों के सामने प्रमुख मुद्दे रखेंगे तथा प्रक्रिया को सुगम बनाने के तरीके सुझाएंगे। इसके अलावा वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली इस बैठक में बुनियादी ढांचा मंत्रालयों, कृषि और संबद्ध विभागों के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे।
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