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वित्त मंत्री की PSU बैंक प्रमुखों के साथ 25 अगस्त को बैठक, बैंकों के प्रदर्शन की होगी समीक्षा

महामारी शुरू होने के बाद से यह वित्त मंत्री और सरकारी बैंकों के प्रमुखों की आमने-सामने की पहली समीक्षा बैठक है। बैठक में बैंक की स्थिति, रिजर्व बैंक द्वारा घोषित पुनर्गठन- दो योजना की प्रगति की समीक्षा किये जाने की उम्मीद है।

<p>वित्त मंत्री की...- India TV Paisa Image Source : PTI वित्त मंत्री की बैंकों के साथ बैठक 25 अगस्त को

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 25 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। बैठक का मकसद बैंकों के प्रदर्शन और कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के मामले में हुई प्रगति की समीक्षा करना है। सूत्रों ने कहा कि मांग और खपत बढ़ाने के लिये बैंक क्षेत्र के महत्व को देखते हए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक महत्वपूर्ण है। पिछले साल मार्च में महामारी शुरू होने के बाद से यह वित्त मंत्री और सरकारी बैंकों के प्रमुखों की आमने-सामने की पहली समीक्षा बैठक है। 

हाल ही में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। सूत्रों के अनुसार बैठक में बैंक की स्थिति, रिजर्व बैंक द्वारा घोषित पुनर्गठन- दो योजना की प्रगति की समीक्षा किये जाने की उम्मीद है। बैठक में बैंकों को उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है। उसने कहा कि मुंबई में होने वाली बैठक में इसके अलावा आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की भी समीक्षा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री फंसे कर्ज या एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) की स्थिति की भी जायजा ले सकती हैं। इसके अलावा बैंकों के विभिन्न सुधार उपायों पर भी चर्चा होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि सरकार के विभिन्न प्रायासें से बैंकों का फंसा कर्ज 31 मार्च, 2021 को घटकर 6,16,616 करोड़ रुपये (अस्थायी आंकड़ा) पर आ गया जो 31 मार्च, 2020 को 6,78,317 करोड़ रुपये था। वहीं 31 मार्च, 2019 को 7,39,541 करोड़ रुपये पर था। 

इससे पहले इसी महीने संसद की एक समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लंबे समय से चले आ रहे फंसे कर्ज की समस्या के समाधान में देरी को लेकर चिंता जतायी थी। समिति ने वित्त मंत्रालय से बैंकों की इस चुनौतियों से पार पाने के लिये स्पष्ट नीति तैयार करने को कहा। उसने कहा कि यह बैंकों को खासकर कोविड-19 संकट से उत्पन्न चुनौतियों से पार पाने के लिये सशक्त बनाएगा। भारतीय जनता पार्टी के सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने केंद्र की कार्रवाई रिपोर्ट पर अपनी रपट में यह माना कि सरकार ने ऋण पर नजर रखने, जोखिम प्रबंधन, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) यानी फंसे कर्ज के समाधान और वसूली, संचालन व्यवस्था में सुधार, विपणन रणनीति और पहुंच के मामलों में बैंक व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए हैं।

 

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