वाशिंगटन। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारत आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए अच्छी वृहद आर्थिक परिस्थितियां तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की सालाना बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने आर्थिक वृद्धि में सुस्ती से आई चुनौतियों से निपटने के लिए सरकारी सुधारों के हिस्से के रूप में विभिन्न नीतिगत कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हालिया सुस्ती के बावजूद, आगामी वर्षों में हमारी संभावित वृद्धि दर काफी अधिक रहने की उम्मीद है। समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हम विवेकपूर्ण नीतियों के साथ अच्छी वृहद आर्थिक परिस्थितियां तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, 'हमने आर्थिक वृद्धि में सुस्ती से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए आगे बढ़कर विभिन्न नीतियों पर अमल किया है।' आईएमएफ ने मंगलवार को अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रपट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। हालांकि उसे उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब देश की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रह सकती है।
सीतारमण ने कहा कि भारत ने कॉरपोरेट कर में कटौती करके और दरों को युक्तिसंगत बनाकर आर्थिक वृद्धि को गति दी है। यह बुनियादी ढांचा क्षेत्र और उद्योग में निवेश को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, 'हमने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए कई विशेष उपाय भी किए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इस साल नीतिगत दरों में पांच बार कटौती है। आरबीआई ने नीतिगत दर में कुल 1.35 प्रतिशत की कमी है।'
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