नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मुंबई में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के ग्राहकों से मुलाकात की और उन्हें उनके धन की सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमसी बैंक घोटाले से सरकार का कोई संबंध नहीं है और इस मामले को आरबीआई देख रहा है।
पीएमसी बैंक ग्राहकों से मिलने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नरिमन प्वाइंट स्थित भाजपा कार्यालय पहुंची और वहां एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा कि सहकारी बैंकों पर अधिक निगरानी की जरूरत है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में भाजपा कार्यालय के बाहर पीएमसी बैंक के नाराज उपभोक्ताओं से मुलाकात की और उन्होंने बैंक के उपभोक्ताओं से कहा कि रिजर्व बैंक मामले को देख रहा है। सीतारमण ने कहा कि बैंक के उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर से वह खुद बात करेंगी।
वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बहुराज्यीय सहकारी बैंकों का संचालन बेहतर बनाने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक नया विधेयक लाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के अधिकारी सहकारी बैंकों के नियमन की खामियों पर चर्चा करेंगे और जल्द ही उन्हें दूर करने के उपाय सामने रखेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमसी बैंक मामले में वित्त मंत्रालय सीधे तौर पर कुछ नहीं कर सकता क्योंकि यह आरबीआई के अधिकार क्षेत्र का मामला है। लेकिन मैंने अपनी ओर से अपने मंत्रालय के सचिव को ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर इस मामले को विस्तार से देखने के लिए कहा है।
वित्त मंत्री ने बताया कि पीएमसी बैंक मामले को देख रहे दल में वित्त मंत्रालय के दो सचिव भी शामिल हैं। इस दल में आरबीआई के एक डिप्टी गवर्नर स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने और नियामक को और अधिक सशक्त बनाने के लिए हम आवश्यक कानूनी कदम उठा रहे हैं।
भाजपा कार्यालय के बाहर पीएमसी बैंक के ग्राहक प्रदर्शन कर रहे हैं। पीएमसी बैंक की एक ग्राहक कृष्णा ने कहा कि मुझे नहीं पता कि सरकार क्या कर रही है। मुझे इससे कोई लेना देना नहीं कि वो क्या कर रहे हैं। मैं अपना पैसा वापस चाहती हूं। मैंने जितना पैसा बैंक में जमा कर रखा है उसे दोबारा कमाने की मेरी क्षमता नहीं है।
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