वित्त मंत्री की इन्फोसिस अधिकारियों संग बैठक, आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल की खामियों पर बातचीत
आयकर विभाग का यह नया पोर्टल सात जून को शुरू किया गया लेकिन उसी दिन से इसमें कई तरह की खामियां सामने आई हैं।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इन्फोसिस के अधिकारियों के साथ नये आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल में आ रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर समीक्षा बैठक की। सीतारमण के साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राजस्व सचिव तरुण बजाज, सीबीडीटी चेयरमैन जगन्नाथ महापात्र और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे। इस दौरान इन्फोसिस के अधिकारियों के साथ नये आयकर ई- पोर्टल में आ रही दिक्कतों को लेकर बिंदुवार विचार विमर्श किया गया। आयकर विभाग का नया ई- पोर्टल इन्फोसिस ने तैयार किया है। बैठक को लेकर हालांकि, आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आईसीएआई) ने कहा है कि ‘‘तकनीकी खामियों को जल्द दूर कर लिया जायेगा।’’ आईसीएआई के प्रतिनिधि भी इस बैठक में उपस्थित थे।
आयकर विभाग का यह नया पोर्टल सात जून को शुरू किया गया लेकिन उसी दिन से इसमें कई तरह की खामियां सामने आई हैं। इसमें लॉगइन का समय अधिक लग रहा है, आधार सत्यापन के लिये ओटीपी जारी करने में समस्या खड़ी हो रही है और पिछले सालों के आयकर रिटर्न भी इसमें उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। पोर्टल का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों ने इस संबंध में लिखित में जानकारी दी है और साथ में सुझाव भी दिये हैं। आईसीएआई ने बैठक के बाद जारी एक वक्तव्य में कहा है कि उसे सीबीडीटी और इन्फोसिस इस संबंध में मुद्दों के त्वरित समाधान के लिये जरूरी जानकारी और समर्थन देते रहने को कहा गया है। आयकर विभाग के अनुसार नया पोर्टल करदाताओं के अनुकूल और अनुपालन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है। आयकर विभाग का नया ई- फाइलिंग पोर्टल www.incometax.gov.in सात जून को पेश किया गया था। इस कर पोर्टल को आम आयकरदाता भी अपनी सालाना रिटर्न दाखिल करने के लिये इस्तेमाल कर सकता है। इसमें 2020- 21 के वित्त वर्ष में अर्जित आय के लिये आकलन वर्ष 2021- 22 में रिटर्न दाखिल की जा सकती है। व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिये रिटर्न भरने की आखिरी तिथि 30 सितंबर है। इससे पहले इन्फोसिस की वार्षिक आम बैठक में कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि मुद्दों का समाधान करने पर काम कर रहे हैं और कुछ मामलों में उन्हें सफलता मिली है।
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