नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों और प्रौद्योगिकियों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया। वित्त मंत्री ने जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की तीसरी बैठक से पहले इटली द्वारा आयोजित कर नीति और जलवायु परिवर्तन पर जी-20 उच्च स्तरीय कर परिचर्चा में डिजिटल तरीके से भाग लेते हुए उक्त बातें कही। वित्त मंत्रालय के ट्वीट के अनुसार सीतारमण ने कहा कि भारत में बेहतर पर्यावरण परिणाम के लिए राजकोषीय नीति विकल्पों का उपयोग किया जा रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए रियायती कर दरें लागू हैं।
उन्होंने बेहतर पर्यावरणीय परिणाम के लिए भारत के नये ऊर्जा मानचित्र, डिजिटल इनोवेशन और वैकल्पिक ईंधन, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और ऊर्जा दक्षता तथा वनीकरण को बढ़ावा देने जैसे देश की नीतियों को भी साझा किया। बाद में, एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि बैठक में महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए समन्वित वैश्विक वित्तीय और मौद्रिक प्रोत्साहन कार्यक्रमों के लिए अल्पकालीन एवं दीर्घकालिक दोनों दृष्टिकोण से वैश्विक आर्थिक पुनरूद्धार, स्वास्थ्य और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय ढांचा से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई। ट्वीट में कहा गया है, ‘‘वित्त मंत्री सीतारमण ने कोविड-19 के नये प्रकारों के सामने आने के साथ वैश्विक आर्थिक जोखिम पर चर्चा की और महामारी से निपटने के लिये वित्त पोषण पर जी-20 उच्च स्तरीय स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट का स्वागत किया।’’
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