नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत नजर आ रहे हैं और अब उद्योग जगत को भी जोखिम उठाना और क्षमता निर्माण में निवेश के लिए तैयार रहना चाहिए। सीतारमण ने सीआईआई वैश्विक आर्थिक नीति सम्मेलन 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए उद्योग जगत को आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मैं उद्योग से अपील करती हूं कि वह क्षमता बढ़ाने में अब और देर न करे।" उन्होंने कहा कि आय असमानता कम करने के लिए उद्योगों को अधिक रोजगार देना होगा। उन्होंने उद्योग जगत से आयात किये जाने वाले उत्पादों की संख्या में कटौती करने और विनिर्माण में निवेश बढ़ाने का भी अनुरोध किया। सीतारमण ने कहा, "जब भारत की नजर वृद्धि तेज करने पर लगी है, उस समय मैं चाहती हूं कि भारतीय उद्योग अधिक जोखिम उठाएं ।
इससे पहले रिजर्व बैंक गर्वनर ने भी निजी निवेश बढ़ाने की बात कही थी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि महामारी की मार झेल चुकी अर्थव्यवस्था के तमाम वृहत संकेतक आर्थिक रिकवरी के मजबूत होने का इशारा कर रहे हैं। हालांकि, दास ने आर्थिक वृद्धि के टिकाऊ होने के लिए निजी पूंजी निवेश में वृद्धि को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था समुचित तेज रफ्तार से बढ़ने का सामर्थ्य रखती है, लेकिन उसके लिए निजी पूंजी का निवेश बढ़ना जरूरी है। कई अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.5-10 प्रतिशत के बीच कर दिया है, लेकिन रिजर्व बैंक 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान पर टिका हुआ है।
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