नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एक जिला- एक उत्पाद योजना को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है। इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से निर्यातकों के निकायों से बातचीत का भी आग्रह किया है, जिससे बैंक उनकी जरूरतों के बारे में समझ सकें और उनकी बेहतर ढंग से मदद कर सकें।
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने बैंकों से फिनटेक क्षेत्र को मदद देने के लिए कहा है। पूर्वी भारत के राज्यों में जमा राशि बढ़ रही है, लेकिन ऋण जरूरतों को बढ़ाने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए लॉजिस्टिक्स और निर्यात पर केंद्रित राज्यवार योजना बनाने को कहा गया है।
सीतारमण ने कहा कि सामूहिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा काम किया है और महामारी के दौरान सेवाएं देने के बावजूद वे त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर निकले हैं। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों की पेशन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मृतक कर्मचारी के परिवार को अब कर्मचारी के आखिरी वेतन के 30 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी। पहले यह पेंशन राशि 9,284 रुपये थी।
सीतारमण ने कहा कि प्रोत्साहन की रफ्तार को बनाये रखने के लिए बैंक देश के प्रत्येक जिले में ऋण उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि कंपनियों के लिए विदेशी बाजारों में सीधे सूचीद्धता पर विचार-विमर्श जारी है, हमें ऐसे निर्गमों की सफलता सुनिश्चित करने की भी जरूरत होगी।
बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के समर्थन में उनकी तरफ से उठाये गये कदमों की समीक्षा की गई। एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि क्या राहुल गांधी मौद्रिकरण के बारे में जानते हैं। उन्होंने पलटवार करते हुये कहा कि कांग्रेस की सरकार में देश के संसाधनों को बेचने का काम हुआ है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को सरकार की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर सवाल उठाए थे।
सीतारमण ने कहा कि क्या राहुल गांधी मौद्रिकरण को समझते हैं। वह कांग्रेस थी जिसने देश के संसाधनों को बेचा और उसमें रिश्वत प्राप्त की। कांग्रेस सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे का मौद्रिकरण किया, 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए अनुरोध प्रस्ताव आमंत्रित किया गया था। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के बारे में उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं। सरकार उनकी चिंताओं से अवगत है। महंगाई के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा मानना है कि जैसे ही फसलें खेतों से बाहर आएंगी, महंगाई कम होगी। हमने आपूर्ति बढ़ाने के लिए खाद्य तेलों और दलहन पर शुल्कों में कमी की है। हमारा अनुमान है कि मुद्रास्फीति 4- 6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।
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