नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट से पहले शनिवार को कहा कि माल व सेवा कर (GST) प्रणाली बहुत ही छोटे समय में स्थिर हो गई है जिससे इसके आधार के विस्तार तथा भविष्य में दरों को और युक्तिसंगत बनाए जाने की गुंजाइश बनी है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि GST से देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आमूल चूल बदलाव आया है। वित्त मंत्री ने कहा कहा कि कई दूसरे देशों की तुलना में भारत में GST प्रणाली बहुत ही कम समय में ही स्थिर हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जेटली ने कहा,इससे हमारे पास मौका है कि हम आने वाले समय में इसके (GST) आधार को बढ़ाएं तथा ढांचे को और अधिक युक्तिसंगत बनाएं। इस समय GST प्रणाली में कर की चार स्तर की करें लागू हैं। ये दरें पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत व 28 प्रतिशत की है।
सरकार ने नवंबर की बैठक में जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत की उच्चतम सीमा के तहत केवल अहितकर और विलासिता की चीजों को ही रखने का निर्णय लिया । उसी बैठक में 200 से अधिक प्रकार की वस्तुओं पर कर की दरें कम कर दी गयीं। इनमें 178 प्रकार की वस्तुओं को उच्चतम कर श्रेणी से निकाल कर 18 प्रतिशत और 13 प्रकार की वस्तुओं को 18 प्रितशत की जगह 12 प्रतिशत के दायरे में ला दिया था। इसके अलावा कुछ चीजें 12 प्रतिशत की जगह पांच प्रतिशत और छह चीजें 18 की जगह 5 प्रतितशत के दायरे में लायी गयीं। इसके पश्चात नवंबर में जीएसटी की वसूली गिर कर 80,808 करोड़ रुपये पर आ गयी। लेकिन दिसंबर में वसूली बढ़ कर 86,703 करोड़ रुपये रही। अक्तूतर में वसूली 83,000 करोड़ रुपये तथा सितंबर में वसूली 92,150 करोड़ रुपये थी।
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