नई दिल्ली। राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए इलेक्टोरल बांड के लिए रूपरेखा की घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में की। उन्होंने बताया कि चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने और काले धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए नए इलेक्टोरल बांड (चुनावी बांड) की रूपरेखा जारी की जा रही है। इन बांड को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की निर्दिष्ट शाखाओं से खरीदा जा सकेगा और इनका उपयोग राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए किया जाएगा।
लोकसभा में एक बयान देते हुए जेटली ने कहा कि इन बांड पर देने वाले का नाम नहीं होगा और इन्हें 1000 रुपए, 10,000 रुपए, एक लाख रुपए, दस लाख रुपए और एक करोड़ रुपए के मूल्य में खरीदा जा सकेगा। हालांकि भले ही इन्हें बांड कहा जा रहा है, फिर भी ये ब्याज मुक्त ऋण पत्र होंगे जो कि प्रोमिसरी नोट्स के समान होंगे। एसबीआई दानदाता के फंड का तब तक कस्टोडियन होगा जब तक राजनीतिक दल इन्हें भुना नहीं लेते।
चुनावी बांड की वैधता अविध केवल 15 दिन की होगी, जिसके दौरान इसका उपयोग केवल पंजीकृत राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए किया जा सकेगा। इन बांड को प्राप्तकर्ता द्वारा केवल अधिकृत बैंक खाते में ही भुनाया जा सकेगा। यह बांड साल में केवल चार बार यानि जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर महीने के पहले 10 दिन ही बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
आम चुनाव वाले वर्ष के लिए यह बांड 30 दिन बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। जेटली ने कहा कि खरीदार, जिनका नाम बांड पर नहीं होगा, उन्हें एसबीआई के पास केवाईसी अनुपालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि भारत को कोई भी नागरिक और भारत में कार्यरत कोई भी संस्था इस तरह के बांड को खरीदने के लिए पात्र माने जाएंगे।
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