नई दिल्ली। भारी डिस्काउंट का नकारात्मक असर ई-कॉमर्स कंपनियों के बैलेंसशीट पर दिखना शुरू हो गया है। देश सबसे बड़ी ई-रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट को वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान करीब 2,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सेल भले ही तेजी से बढ़ी है, लेकिन भारी डिस्काउंट की वजह से कंपनी को घाटा हुआ है। कंज्यूमर वेबसाइट चलाने वाली फ्लिपकार्ट इंटरनेट को 1,096.4 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ है। वहीं, होलसेल यूनिट फ्लिपकार्ट इंडिया को 836.5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
कंपनी को डिस्काउंट देना पड़ा भारी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक मार्केट शेयर बढ़ाने के अगर फ्लिपकार्ट ऐसे ही डिस्काउंट देता रहा, तो भविष्य में उस और भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। रिटेल कंसल्टेंसी एलार्गिर सलूशंस की डायरेक्टर रूची सैली ने कहा कि ज्यादा लागत और डिस्काउंट के कारण फ्लिपकार्ट को सेल्स का 35 से 50 फीसदी हिस्सा ऑपरेटिंग लॉस के तौर पर उठाना पड़ रहा है। घाटे से सैली ने कहा कि कंपनी को अगर घाटे से बचना है तो ज्यादा मार्जिन वाले कैटेगरी में विस्तार करना होगा।
फ्लिपकार्ट को बदलना होगा रेवेन्यु मॉडल
वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान फ्लिपकार्ट ने 10 अरब डॉलर का सामान बचने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही अपने सेलर्स की संख्या भी बढ़ाकर 1.20 लाख करना चाहती है। वर्तमान में कंपनी के पास 60,000 सेलर्स हैं। फ्लिपकार्ट खुद को स्नैपडील की तरह मार्केटप्लेस में बदलना चाहती है। क्योंकि कंपनी अभी लागत से भी कम दाम पर सामान बेच रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक कंपनी को विज्ञापन और डेटा सेलिंग जैसे रेवेन्यु मॉडल पर काम करना होगा तभी कमाई बढ़ सकती है। जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिया की ई-कॉमर्स कंपनियों को चीन के मुकाबले ज्यादा कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता है।
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