नई दिल्ली। भारतीय खरीदार घरेलू ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे फ्लिपकार्ट और स्नैपडील के अलावा भी कई विदेशी कंपनियों के जरिये खरीदारी पर करोड़ों खर्च करते हैं। डिजिटल पेमेंट कंपनी PayPal और Ipsos द्वारा तैयार की गई नई कंज्यूमर रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में भारतीय खरीदारों ने 58,370 करोड़ रुपए (877.381 करोड़ डॉलर) इंटरनेशनल वेबसाइट पर खर्च किए हैं।
यह रिपोर्ट 800 भारतीयों के बीच किए गए सर्वे पर आधारित है।
नीचे देखिए भारतीयों ने कितना पैसा किस चीज के लिए खर्च किया:
- आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले एक साल के दौरान भारतीयों द्वारा इंटरनेशनल वेबसाइट पर किया जाने वाला खर्च 6.7 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल भारतीयों ने 54,700 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी।
- 2016 के आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों ने घरेलू वेबसाइट पर 2 लाख करोड़ रुपए की खरीदारी की है।
- रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारतीय खरीदार ऐसी वेबसाइट पर ज्यादा जाते हैं जो फ्री शिपिंग और स्थानीय मुद्रा में लेनदेन की पेशकश करती हैं।
- भारतीय ग्राहक बेहतर प्रोडक्ट्स और डील के लिए के साथ ही साथ भारत में उपलब्ध न होने वाले ब्रांड की तलाश में भी इंटरनेशनल वेबसाइट का सहारा लेते हैं।
रिटेल और कंज्यूमर कंसल्टिंग कंपनी टेक्नोपैक के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अंकुर बिसेन कहते हैं कि,
यह ऐसे खरीदार हैं जो प्रोडक्ट गैप को भरने की कोशिश कर रहे हैं, फ्री शिपिंग एक बहुत बड़ा इनसेंटिव है भारत में अनुपलब्ध ब्रांड की चाह भी ग्रोथ ड्राइवर है।
- औसतन एक खरीदार अन्य देशों से सामान मंगाने पर सालाना 42,416 हजार रुपए खर्च करता है।
- ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अमेरिकन वेबसाइट पहले नंबर पर बनी हुई हैं, इसके बाद यूके और चीन का स्थान है।
- बिक्री बढ़ने के बावजूद जब भारी कस्टम ड्यूटी, लंबा डिलीवरी समय, रिटर्न की भारी लागत और विदेशी मुद्रा में लेनदेन की बात आती है तो भारतीय खरीदार सावधान हो जाते हैं।
- 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय ऑनलाइन खरीदारों ने कहा कि इंटरनेशनल वेबसाइट पर ऑनलाइन खरीदारी करने के दौरान वह प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ देते हैं।
- यूके की ASOS बेवसाइट फ्री इंटरनेशनल शिपिंग ऑफर करती है, लेकिन यह केवल 20 पाउंड से ज्यादा के ऑर्डर पर ही है।
- अमेजन भी अपने अमेजन ग्लोबल प्रोग्राम के तहत ग्लोबल शिपिंग देती है, लेकिन खरीदारों को इंपोर्ट ड्यूटी देनी पड़ती है जिसमें भारत सरकार द्वारा निर्धारित कस्टम ड्यूटी और स्थानीय टैक्स शामिल होते हैं।
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