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Hindi News पैसा बिज़नेस सोने में तेजी का दौर हुआ शुरू, इन पांच कारणों से कर सकते हैं खरीदारी

सोने में तेजी का दौर हुआ शुरू, इन पांच कारणों से कर सकते हैं खरीदारी

डब्ल्यूजीसी के मुताबिक 2016 के शुरूआती तीन महीने में सोने की कीमतों में 17 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। जो कि बीते 30 वर्षों की सबसे बड़ी तिमाही तेजी है।

Up-trend: सोने की कीमतों में 30 साल की सबसे बड़ी तिमाही तेजी, 10% तक और चढ़ सकती हैं कीमतें- India TV Paisa Up-trend: सोने की कीमतों में 30 साल की सबसे बड़ी तिमाही तेजी, 10% तक और चढ़ सकती हैं कीमतें

नई दिल्ली। बाजार का रूख कब बदल जाए ये किसी को नहीं पता होता ये बात सोने की कीमतों में आई तेजी ने साबित कर दिया है। दुनिया के बड़े एनालिस्ट, ब्रोकर्स, रिसर्च और फंड हाउस सोने की कीमतों में गिरावट की भविष्यवाणी करते नजर आय थे जो आज तेजी की बात कर रहे हैं। बाजार में यह आश्चर्यजनक बदलाव सिर्फ तीन महीने में आया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 के शुरूआती तीन महीने में सोना 17 फीसदी महंगा हुआ है, जो कि बीते 30 वर्षों की सबसे बड़ी तिमाही तेजी है। इसी तेजी के आधार पर डब्ल्यूजीसी से लेकर दुनिया के तमाम एक्सपर्ट्स सोने को नए बुल मार्केट में एंट्री लेते देख रहे हैं और साल के अंत तक कीमत 1350 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचने की संभावना जता रहे हैं।

सोने में करीब 10 फीसदी तेजी की उम्मीद

स्टेट स्ट्रीट ग्लोबल एडवाइजर्स के हेड (गोल्ड इंवेस्टमेंट्स) जॉर्ज मिलिंग-स्टेनली ने किटको मेटल को दिए इंटरव्यू में कहा कि 2016 के अंत तक सोने की कीमत 1350 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच सकती है। यानी चालू स्तर से सोने में 120 डॉलर की तेजी का अनुमान है। मिलिंग-स्टेनली ने कहा कि निवेशक अब सोने में निवेश करने के लिए गिरावट का इंतजार नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वह पिछले तीन महीने के दौरान तेजी का फायदा नहीं उठा सके। इसके अलावा अब सोने का फंडामेंटल मजबूत है और तकनीकी रूप से भी तेजी नजर आने लगी है। स्टेनली का बयान इसलिए अहम है क्योंकि वह दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर के मार्केट एजेंट भी हैं।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की भविष्यवाणी

बाजार में अनिश्चितता और मौद्रिक नीतियों से उत्साहित और पिछले बुल-बीयर साइकिल्स के आधार वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने ताजा रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में डब्ल्यूजीसी ने कहा, सोने ने 2016 की पहली तिमाही में जोरदार रिटर्न दिया है और अब यह नए बुल रन में एंटर करने वाला है। डब्ल्यूजीसी के मुताबिक 1970 से अब तक सोने की कीमतों में 5 बुल रन और पांच बीयर रन देखने को मिला है। पाया गया कि इनकी अवधि 52 महीने की रही है, जिसमें सोने की कीमतों में 35 और 55 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली 2015 के बाद सोने में आई तेजी इस अवधि को पार कर चुकी है और यह बुल रन का संकेत है। डब्ल्यूजीसी ने अपने रिसर्च में पाया है कि जब लगातार दो तिमाही के दौरान सोने में तेजी दर्ज की गई उसके बाद यह तेजी से दौड़ा है।

डब्ल्यूजीसी  ने कहा पहली तिमाही में सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की जा चुकी है। वहीं दूसरी तिमाही के दौरान सोने में तेजी की उम्मीद है। वर्तमान मैक्रो-इकनॉमिक एनवायर्नमेंट निवेश और सेंट्रल बैंक की ओर मांग बढ़ाने के लिए सहायक है।

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