क्रैश टेस्ट में फेल हुईं सेलेरियो, ईऑन, स्कॉर्पियो और क्विड सहित पांच कारें
अगर आप भी मारुति की सेलेरियो, महिंद्रा की स्कॉर्पियो, हुंडई की ईऑन या रेनॉल्ट की क्विड चलाते हैं, तो आपके लिए खबर बेहद खास है।
नई दिल्ली। अगर आप भी मारुति की सेलेरियो, महिंद्रा की स्कॉर्पियो, हुंडई की ईऑन या रेनॉल्ट की क्विड चलाते हैं, तो आपके लिए खबर बेहद खास है। भारत की सड़कों पर चलने वाली इन कारों के साथ कुल पांच मॉडल इंटरनेशनल क्रैश टेस्ट में फेल हो गए हैं। क्रैश टेस्ट में फेल होने वाले पैसेंजर व्हीकल्स में मारुति की ईको भी शामिल है। इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल क्रैश टेस्टिंग एजेंसी न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) ने भारत के इन पांच पैसेंजर व्हीकल्स को जीरो रेटिंग दी है।
ये रहे क्रैश टेस्ट के रिजल्ट
महिंद्रा स्कोर्पियो
क्रैश टेस्ट में महिंद्रा स्कोर्पियो की सबसे लोकप्रिय एसयूवी को एडल्ट की सेफ्टी के मामले में जीरो स्टार मिले हैं। यानि कि यह दमदार दिखने वाली एसयूवी भी सेफ्टी के मामले में सेफ नहीं है। वहीं, बच्चों की सेफ्टी के मामले में इसे 2 स्टार मिले हैं। टेस्ट के दौरान पूरा स्ट्रक्चर ही डैमेज हो गया। इससे पता चलता है कि बिना एयरबैग के इस कार में चलना खतरे से खाली नहीं है।
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मारुति सुजुकी ईको
मारुति की यूटिलिटी व्हीकल ईको के रिजल्ट भी बेहद खराब रहे हैं। टेस्ट के दौरान बिना एयरबैग वाली इको को जीरो स्टार मिले। व्यस्क की सुरक्षा के मामले में ईको को जीरो स्टार मिले। वहीं, बच्चों के प्रोटेक्शन के मामले में इस कार को सिर्फ एक स्टार मिला है। टेस्ट के दौरान, इसका पैसेंजर कंपार्टमेंट स्ट्रक्चर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। खास बात है कि मारुति के इस मॉडल में एयर बैग का ऑप्शन भी नहीं है।
मारुति सुजुकी सेलेरियो
मारुति की पहली गियरलेस हैचबैक कार भी क्रैश टेस्ट में पास नहीं हो सकी। कंपनी ने इस कार के बेस मॉडल में एयरबैग का विकल्प नहीं दिया है। एडल्ट की सेफ्टी की बात करें तो इसे यहां जीरो स्टार मिले हैं। वहीं, बच्चों की सेफ्टी की बात की जाए तो इस कार को महज एक स्टार मिला है। एयरबैग नहीं होने के कारण ही इस कार को एडल्ट के लिए अनसेफ माना गया। वहीं, बच्चों की सुरक्षा के मामले में भी इसे कम स्कोर मिला।
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हुंडई ईऑन
हुंडई की सबसे सस्ती हैचबैक कार ईऑन भी टेस्ट के मानकों पर खरी नहीं उतर पाई। NCAP के मुताबिक इस कार में सेफ्टी फीचर्स की बेहद कमी है। कंपनी ने इसके टॉप वर्जन में भी एयरबैग नहीं दिए हैं। इस कार को एडल्ट सेफ्टी में जीरो और चाइल्ड सेफ्टी में 2 स्टार मिले हैं।
रेनॉल्ट क्विड
रेनॉल्ट क्विड को टेस्ट में एडल्ट सेफ्टी में जीरो और किड्स सेफ्टी में 2 स्टार मिले हैं। एनसीएपी के मुताबिक टेस्ट करने पर इसका केबिन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इस कार में एयरबैग का विकल्प नहीं है, जिसके चलते इसे असुरक्षित माना गया है।
इन मानकों पर हुई टेस्टिंग
क्रैश टेस्टिंग एजेंसी न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) के टेस्टिंग प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा की दृष्टि से सभी कारों में एयरबैग होना अनिवार्य है। इसके अलावा सभी कारों के पास एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम सर्टिफिकेट होना चाहिए। यहां सबसे सुरक्षित कार को पांच स्टार दिए जाते हैं। वहीं एक स्टार का मतलब मार्जिनल क्रेश सेफ्टी के साथ कार को पास किया गया है।
भारतीय सड़कों पर मौजूद ये कारें भी हुई हैं फेल
टेस्ट में फेल होने वाली कारों में सिर्फ ये पांच कारें पहली नहीं हैं, इससे पहले भी भारतीय सड़कों पर मौजूद कई कारें टेस्ट में फेल हो चुकी हैं। मारुति सुजुकी की स्विफ्ट हैचबैक और निसान की डैटसन गो हैचबैक को न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम से जीरो रेटिंग मिली थी। वहीं टाटा नैनो, ह्युंडई आई10, मारुति ऑल्टो800, फोर्ड फिगो और फॉक्सवैगन की पोलो हैचबैक को भी जीरो रेटिंग मिली थी।