नई दिल्ली। फंसे कर्ज की स्थिति खराब होने के बीच बैंक ऑफ बड़ौदा सहित पांच सार्वजनिक बैंकों ने मार्च 2016 को समाप्त तिमाही में कुल मिलाकर 6751 करोड़ रुपए के घाटे की सूचना दी। जिन अन्य सार्वजनिक बैंकों ने चौथी तिमाही में घाटे की सूचना दी है उनमें यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक व देना बैंक शामिल है।
कुछ मामलों में तो गैर निष्पादित आस्तियां (NPA) भारतीय रिजर्व बैंक के वहनीय स्तर से भी ऊपर चली गई हैं जिससे तुरंत सुधारात्मक कदम उठाया जा सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा को मार्च तिमाही में 3230.14 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ, जो कि उसे भारतीय बैंकिंग इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा त्रैमासिक घाटा है।
यह भी पढ़ें- बैंक कर्मचारियों ने किया 29 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला
इससे पहले दिसंबर तिमाही में बैंक को 3,342.04 करोड़ रुपए का सर्वाधिक शुद्ध घाटा हुआ था। बैंक का कहना है कि फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान किए जाने के कारण आलोच्य तिमाही में उसे इतना बड़ा घाटा हुआ। इस दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 12,789 करोड़ रुपए हो गई। इसी तरह वित्त वर्ष 2015-16 में बैंक को 5067 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ जबकि एक साल पहले उसने 3,911.73 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। बैंक का एनपीए अनुपात बढ़कर 9.99 रुपए होने के बीच उसने 6,857 करोड़ रुपए का प्रावधान किया।
यह भी पढ़ें- यूको बैंक को चौथी तिमाही में 1,715 करोड़ रुपए का नुकसान, पिछले साल 209.2 करोड़ रुपए का हुआ था मुनाफा
Latest Business News