नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के सभी पांच सहयोगी बैंकों का विलय एक अप्रैल 2017 से शुरू होगा। यह भारत के बैकिंग इतिहास का सबसे बड़ा विलय होगा।
एसबीआई ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया है कि स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रवाणकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) की संपत्तियों का स्थानांतरण भारतीय स्टेट बैंक को 1 अप्रैल 2017 से शुरू किया जाएगा।
- पांचों सहयोगी बैंकों के विलय के बाद एसबीआई एक विश्व स्तर का बैंक बन जाएगा, जिसकी कुल संपत्ति 37 लाख करोड़ रुपए होगी।
- इसकी 22,500 शाखाएं और 58,000 एटीएम का विशाल नेटवर्क होगा।
- इसके पास 50 करोड़ से अधिक ग्राहक आधार होगा।
- विलय के बाद सहयोगी बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी एसबीआई के कर्मचारी बन जाएंगे।
- अभी एसबीआई की अकेली 16,500 शाखएं हैं, जिनमें 36 देशों में 191 विदेशी शाखाएं शामिल हैं।
- पांच सहयोगी बैंकों में से एसबीबीजे, एसबीएम और एसबीटी शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं।
- एसबीआई के बोर्ड ने पहले ही विलय योजना को अपनी मंजूरी दे दी है।
- इस योजना के तहत एसबीबीजे के शेयरधारकों को प्रति 10 शेयर के बदले एसबीआई के 28 शेयर दिए जाएंगे।
- इसी प्रकार एसबीएम और एसबीटी शेयरधारकों को प्रति 10 शेयर के बदले 22 शेयर दिए जाएंगे।
- विलय प्रक्रिया के तहत इन तीनों बैंकों के शेयरों को शेयर बाजार से असूचीबद्ध किया जाएगा।
- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के अधिग्रहण के लिए एसबीआई ने अलग योजना बनाई है।
Latest Business News