नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक रुपए प्रति लीटर रियायत देने के सरकार के निर्णय का उनके लाभ और वित्तीय साख को प्रभावित करने वाली परिस्थितयों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को डीजल-पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपए की कमी करने की घोषणा की थी। इसके अलावा उसने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को पेट्रोलियम पदार्थों का भाव एक-एक रुपए प्रति लीटर कम करने और उसका बोझ खुद वहन करने का निर्देश दिया था।
फिच ने कहा कि इन तीनों कंपनियों की रेटिंग्स प्रभावित नहीं होंगी, क्योंकि वे सरकारी सहायता से चलती हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इस साल की शुरुआत से अब तक पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में आई त्वरित तेजी से निपटने के लिए सरकार ने 4 अक्टूबर, 2018 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ढाई रुपए तक की कमी की है।
शेयरों में आई 25 प्रतिशत तक की गिरावट
सरकार की पेट्रोल और डीजल के दाम में 2.50 रुपए लीटर की कटौती की घोषणा से तेल विपणन कंपनियों के शेयर शुक्रवार को 25 प्रतिशत से अधिक टूट गए। बीएसई में एचपीसीएल 25.18 प्रतिशत गिरकर 165.05 रुपए तथा बीपीसीएल का शेयर 21.11 प्रतिशत टूटकर 265.35 पर पहुंच गया।
इसके अलावा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन 16.19 प्रतिशत लुढ़कर 118.05 रुपए तथा ओएनजीसी 15.93 रुपए टूटकर 146.95 पर बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में ओएनजीसी में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान बीएसई में ओएनजीसी, एचपीसीएल, आईओसी तथा बीपीसीएल 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर आ गए। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी कारोबार के दौरान ये शेयर 52 सप्ताह के न्यूतम स्तर पर चले गए।
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