नयी दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के वृद्धि के अनुमान को घटा कर 8 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने पिछले माह इसके 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। हालांकि, इसने चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत संकुचन के अपने पिछले अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की 2019-20 में अनुमानित वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही।
फिच ने अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के जून के अपडेट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2022-23 में 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। फिच ने कहा, 'भारत में सरकार ने वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए दुनिया का एक कड़ा लॉकडाउन लागू किया। इसमें अब क्रमिक रूप से ढील देने के उपाए किए जा रहे हैं। नीतिगत ढील सीमित रखे जाने तथा राजकोषीय मोर्चे पर पहले से चली आ रही कमजारी को देखते हुए हमने अपने 2021 के पूर्वानुमान को 9.5 प्रतिशत से घटाकर आठ प्रतिशत कर दिया है।'
इससे पहले एसएंडपी ने अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में पांच प्रतिशत संकुचन का अनुमान जताया था और अगले वित्त वर्ष में 8.5 प्रतिशत तक वृद्धि की बात कही थी। मूडीज को उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से वित्त वर्ष 2020 में भारत की वास्तविक जीडीपी में चार प्रतिशत की कमी आएगी। उनसे 2021 में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत और उसके अगले साल करीब छह प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
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