नई दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि के अनुमान को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया, जो पिछले अनुमान के मुताबिक 12.8 फीसदी था। रेटिंग एजेंसी ने ऐसा कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद सुधार की रफ्तार धीमी पड़ने के चलते किया। फिच ने साथ ही कहा कि टीकाकरण में तेजी से कारोबार के स्थायी पुनरुद्धार और उपभोक्ताओं के भरोसे को मजबूती मिलेगी। वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी के अनुमान को 2.8 प्रतिशत घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। हमारा मानना है कि नए प्रतिबंधों ने सुधार के प्रयासों को धीमा कर दिया है और वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों को व्यापार और राजस्व सृजन के लिहाज से मध्यम खराब दृष्टिकोण के साथ छोड़ दिया है।’’ फिच का मानना है कि तेजी से टीकाकरण के कारण व्यापार और उपभोक्ता विश्वास में बढ़ोतरी होगी।
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