नयी दिल्ली। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा दिसंबर 2020 के अंत में 11.58 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यह बजट अनुमान का 145.5 प्रतिशत है। मुख्य रूप से राजस्व संग्रह कम रहने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है। कारोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण व्यापार गतिविधियां प्रभावित होने से राजस्व संग्रह पर असर पड़ा है।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़े के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में दिसंबर के अंत में राजकोषीय घाटा 2019-20 के बजटीय अनुमान का 132.4 प्रतिशत था। निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा दिसंबर के अंत में 11,58,469 करोड़ रुपये रहा।
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है। व्यय और राजस्व के बीच अंतर राजकोषीय घाटा इस साल जुलाई में सालाना लक्ष्य से ऊपर निकल गया। वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.6 प्रतिशत रहा था।
जयप्रकाश पावर का घाटा दिसंबर तिमाही में कम होकर 8.61 करोड़ रुपये
जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड का एकीकृत घाटा दिसंबर 2020 की तिमाही में कम होकर 8.61 करोड़ रुपये पर आ गया। यह एक साल पहले की समान अवधि में 1,816.05 करोड़ रुपये था। कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि इस दौरान उसकी कुल आय साल भर पहले के 880.37 करोड़ रुपये से बढ़कर 993.98 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी।
कंपनी ने कोविड-19 के प्रभाव के बारे में कहा कि प्रबंधन को कंपनी के व्यवसाय पर इस महामारी के कारण बहुत अधिक प्रभाव होने की संभावना नहीं लगती है। प्रबंधन का मानना है कि महामारी के प्रभाव अस्थायी हैं।
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