नई दिल्ली। देश में आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सार्वजनिक व्यय में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए आगामी बजट में राजकोषीय घाटा लक्ष्य में संशोधन करते हुए इसे 3.4 फीसदी से बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि सार्वजनिक व्यय में वृद्धि की भरपाई के लिए कर राजस्व में वृद्धि नहीं होने जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि हालात ऐसे हैं कि उपभोग, मांग, निवेश और पूंजी निर्माण को प्रोत्साहन की जरूरत है, लिहाजा राजकोषीय घाटे पर विचार किया जा सकता है। हालांकि अपव्यय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राजकोषीय घाटे में संशोधन सुनियंत्रित होगा। वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा लक्ष्य 3.4 फीसदी रखा गया था, हालांकि वित्त वर्ष का अंतिम आंकड़ा आना अभी बाकी है।
अंतरिम बजट 2019-20 में प्रत्यक्ष करों से 13.80 लाख करोड़ रुपए एकत्र करने का अनुमान है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, घाटे के लक्ष्य को संशोधित करने के लिए सरकार पर दबाव डालते हुए इन आंकड़ों को संशोधित किया जा सकता है।
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