नई दिल्ली। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को झारखंड इस्पात प्राइवेड लिमिटेड (JIPL ) और इसके दो निदेशकों आर एस रूंगटा और आर सी रूंगटा को राज्य में एक कोयला खान आवंटन में हुई अनियमितता के संबंध में दोषी ठहराया है। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में यह पहला मामला है जिसमें विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने रूंगटा बंधु को हिरासत में लेने का आदेश दिया और सजा 31 मार्च को तय की जाएगी। यह मामला उत्तरी धाडू कोयला ब्लाक के आवंटन में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कंपनी और इसके दो निदेशकों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) का दोषी पाया गया। इससे पहले कोर्ट ने पिछली 21 मार्च को मामले में फैसला सुनाने के लिए 28 मार्च की तारीख तय की थी। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में यह पहला प्रकरण है जिसमें विशेष अदालत अपना फैसला सुनाया है। विशेष अदालत कोयला घोटाला मामले से जुड़े सभी पहलुओं को देख रही है।
सीबीआई का आरोप है कि जेआईपीएल और तीन अन्य कंपनियों के मेसर्स इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लि., मेसर्स आधुनिक एलॉयज एंड पावर लि. और मेसर्स पवनजय स्टील तथा पावर लि. को संयुक्त रूप से धादू कोयला ब्लॉक आबंटित किए गए। लेकिन न तो जांच समिति ने आवेदनकर्ता कंपनी के दावे का सत्यापन किया और न ही राज्यमंत्री (एमओएस) ने आवेदनकर्ता कंपनियों के आकलन के लिये कोई तौर-तरीके अपनायें। अदालत ने इन पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा चलाया है।
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