मुंबई। भारत में मनी ट्रांसफर और ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम बेहद क्रांतिकारी दौर से गुजर रहा है। हालांकि अभी ज्यादातर कंपनियां और बैंक मोबाइल वॉलेट पर फोकस कर रहे हैं, लेकिन ताजा रिपोर्ट की मानें तो भारत में ईवॉलेट सर्विस जल्द ही बीते समय की बात हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू किए गए इंटीग्रेटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति आने वाली है। आरबीआई के प्रयासों से मोबाइल वॉलेट जल्द ही बीते समय की बात हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मोबाइल बैंकिंग में फरवरी में बीते साल की तुलना में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई।
फर्म सेंटरम ब्रोकिंग ने अपनी एक रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला है कि यूपीआई को बड़े पैमाने पर अपनाने से एसबीआई की बडी, आईसीआईसीआई बैंक की पाकेट्स, एचडीएफसी बैंक की चिल्लर व पेटीएम की मोबाइल वॉलेट सेवाएं व्यर्थ हो जाएंगी। इसके अनुसार, देश में मोबाइल बैंकिंग तूफान की तरह आई है और मूल्य के लिहाज से फरवरी 2016 में इसके कारोबार में सालाना आधार पर 212 फीसदी का उछाल आया। वहीं आकार के लिहाज से इस दौरान यह 131 फीसदी बढ़ी है।
केंद्रीय बैंक नकदी अर्थव्यवस्था को कम करने के लिए यूपीआई को अपनाने पर जोर दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार प्रणाली में नकदी का प्रसार जीडीपी के लगभग 18 फीसदी के बराबर है और इस तरह भारत लेनदेन के लिए सबसे अधिक नकदी पर आधारित अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
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