नई दिल्ली। श्रमिक यूनियनों की विरोध प्रदर्शन की चेतावनी से अप्रभावित वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशधारकों के लिए 8.7 फीसदी ब्याज दर तय करने के फैसले को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है। दूसरी ओर ट्रेड यूनियनों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ आगामी शुक्रवार को देश व्यापी विरोध प्रदर्शन करने फैसला किया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2015-16 के लिए 8.8 फीसदी ब्याज दर की सिफारिश की थी जिसे वित्त मंत्रालय ने घटाकर 8.7 फीसदी कर दिया। श्रमिक संगठनों ने इसका विरोध जताया है और दस श्रमिक संगठनों ने शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित भारतीय मजदूर संघ भी इस मामले में कल देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री ने कोष पर रिटर्न सहित विभिन्न तथ्यों पर विचार करने के बाद ही 2015-16 के लिए ईपीएफ पर 8.7 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी। अधिकारी ने कहा, 8.7 प्रतिशत से पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है।
ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्रालय के फैसले के खिलाफ आगामी शुक्रवार को देश व्यापी विरोध प्रदर्शन करने फैसला किया है। दस केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा है, कर्मचारियों के खिलाफ सरकार के इस तरह के अहंकारी रख की आलोचना करते हुए केन्द्रीय ट्रेड यूनियनें कर्मचारियों और कामगारों तथा सभी ट्रेड यूनियनों, चाहे वह किसी भी समूह से जुड़ी हैं, से इस कदम के खिलाफ 29 अप्रैल 2016 को देशभर में धरना, प्रदर्शन और बैठकें करने का आह्वान करती हैं। यूनियनों में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, सेंटर ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियंस और ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर आदि शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: सरकार ने PF निकासी पर दी छूट, घर, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए निकाल सकेंगे पूरा पैसा
Latest Business News