नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में सरकार के लक्षित कर राजस्व लक्ष्य से चूकने की खबरों के बीच वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के शेष चार महीनों (दिसंबर-मार्च) में हर महीने 1.1 लाख करोड़ रुपए जीएसटी संग्रह का लक्ष्य तय किया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राजस्व सचिव अजय भूषण पाण्डेय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शीर्ष कर अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रयास करने को कहा है। इसके साथ ही कर वसूली बढ़ाने के लिए कदम उठाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों से विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने और ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है कि फील्ड एनफोर्समेंट ड्राइव और वसूली अभियान के दौरान किसी भी करदाता को अनावश्यक और बेवजह परेशानी का सामना न करना पड़े।
कर अधिकारियों को बताया गया कि जीएसटी संग्रह के साथ ही 2019-20 के लिए निर्धारित प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य (13.35 लाख करोड़ रुपए) को भी हासिल करना होगा। सूत्रों ने कहा कि दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के बीच हर महीने 1.10 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य के लिए इन चार महीनों में किसी एक महीने में कर संग्रह 1.25 लाख करोड़ रुपए होना चाहिए।
चालू वित्त वर्ष के आठ महीनों में से चार महीनों का जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा है। इनमें से सिर्फ एक महीने वसूली का आंकड़ा 1.1 लाख करोड़ रुपए के ऊपर रहा। लेकिन मौजूदा रुख ही बना रहा तो जीएसटी संग्रह लक्ष्य से कम से कम एक लाख करोड़ रुपए कम रह सकता है। सरकार ने 2019-20 में 13.35 लाख करोड़ रुपए प्रत्यक्ष कर से जुटाने का लक्ष्य रखा है। अक्टूबर में इसका 45 प्रतिशत (6 लाख करोड़ रुपए) जुटाये गए हैं।
सूत्रों ने कहा कि राजस्व विभाग अगले चार महीनों में कर संग्रह बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रहा है। विभाग ने सीबीआईसी, सीबीडीटी के सदस्यों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर का लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा है।
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