नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों से अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए शाखाओं को युक्तिसंगत बनाने और गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करने को कहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की चार साधारण बीमा कंपनियों में से नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस घाटे में चल रही हैं। इस श्रेणी में सबसे अलग है न्यू इंडिया एश्योरेंस।
बजट घोषणा के अनुरूप अगस्त में सरकार द्वारा संचालित साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण से जुड़े विधेयक को संसद की मंजूरी के बाद मंत्रालय की यह परामर्श जारी हुआ है। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इन कंपनियों को शाखाओं को युक्तिसंगत बनाने और जहां भी संभव हो प्रशासनिक परतों को कम करने के लिए कहा है। इसके अलावा, सूत्रों ने बताया कि उन्हें किफायती डिजिटल माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए कहा गया है।
अखिल भारतीय साधारण बीमा कर्मचारी संघ के महासचिव के गोविंदन ने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियां विभिन्न सरकारी योजनाओं को लागू कर रही हैं। शाखाओं के युक्तिकरण से गरीबों के लिए कठिनाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि उन्हें अपने छोटे दावों के निपटान के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ सकती है, उदाहरण के लिए पशु बीमा या फसल बीमा।’’
उन्होंने कहा कि एक हितधारक के रूप में संघ ने विभिन्न कंपनियों के प्रबंधन के समक्ष इन मुद्दों को उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक शाखा होनी चाहिए ताकि गरीबों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में एक बड़े निजीकरण के एजेंडे की घोषणा की थी, जिसमें दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण शामिल है।
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