नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने आज पीएनबी, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक सहित 5 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 11,336 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि इन बैंकों द्वारा नियामकीय पूंजी आवश्यकता को पूरा करने में मदद के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। चालू वित्त वर्ष में यह पहला पूंजी निवेश है और शेष 53,664 करोड़ रुपए का निवेश वर्ष के दौरान किया जाएगा।
योजना के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा 2,816 करोड़ रुपए की पूंजी मिलेगी, जबकि इलाहाबाद बैंक को 1790 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा आंध्रा बैंक को 2019 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक को 2,157 करोड़ रुपए और कॉरपोरेशन बैंक को 2555 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।
यह बैंक अपने बांड धारकों को ब्याज का भुगतान करने की वजह से वित्तीय दबाव में आ गए हैं। इसके परिणामस्वरूप ये बैंक नियामकीय पूंजी जरूरतों में असफल रहने के जोखिम का सामना कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय ने चार-पांच बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने का फैसला किया है, जो पूंजी की भारी तंगी का सामना कर रहे हैं।
ज्यादातर बैंक एटी-1 बांड पत्रों के जरिये पूंजी जुटाते हैं। ये बांड काफी लंबी अवधि के होते हैं और इन पर निवेशकों को ऊंची दर से ब्याज दिया जाता है। फंसे कर्ज का स्तर बढ़ने और बढ़ते घाटे को देखते हुए बैंकों के लिए अपनी खुद की कमाई से इन बांड पर ब्याज और अन्य भुगतान करना काफी मुश्किल हो गया है। सूत्रों ने बताया कि बैंकों में पूंजी डालने का काम इसी सप्ताह और ज्यादा से ज्यादा अगले सप्ताह तक हो जाएगा।
सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा की थी। योजना के मुताबिक इसमें से 1.35 लाख करोड़ रुपए बैंकों को पुनर्पूंजीकरण बांड के जरिये और शेष 58,000 करोड़ रुपए बैंकों को पूंजी बाजार से जुटाने हैं। सरकार अब तक 71,000 करोड़ रुपए पुनर्पूंजीकरण बांड के जरिये उपलब्ध करा चुकी है।
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