नई दिल्ली। दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता के तहत 88 मामलों में कर्जदाताओं के 1.42 लाख करोड़ रुपए से अधिक के दावे का करीब आधा हिस्सा अबतक वसूल किया जा चुका है। आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई।
भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 28 फरवरी तक 88 मामलों में 1.42 लाख करोड़ रुपए से कुछ अधिक राशि का दावा किया गया था। इनमें वित्तीय कर्जदाताओं का दावा 1.36 लाख करोड़ रुपए का था और परिचालन के लिए कर्ज देने वाले (माल एवं सेवा की आपूर्ति करने अथवा बकाये कर्ज के भुगतान के लिए दिया गया) ने 6,469 करोड़ रुपए के कर्ज का दावा किया था।
आंकड़ों के अनुसार वित्तीय ऋणदाताओं को दावे का 48.24 प्रतिशत और परिचालन कर्जदाताओं का 48.41 प्रतिशत वसूल हो गया। कर्जदाताओं को इन 88 मामलों में 68,766 करोड़ रुपए वसूल हुए। इनमें वित्तीय कर्जदाताओं को 65,635 करोड़ रुपए और परिचालन कर्जदाताओं को 3,131 करोड़ रुपए मिले। बोर्ड ने पिछले सप्ताह एनसीएलएटी को हलफनामे में इसकी जानकारी दी। हलफनामे के अनुसार कुछ मामलों में दावे से भी अधिक राशि की वसूली हुई।
बोर्ड के अनुसार, 88 में से 11 मामलों में वित्तीय कर्जदाताओं को 100 प्रतिशत वसूली हुई जबकि परिचालन कर्जदाताओं को महज छह मामले में पूरी वसूली हुई। वित्तीय कर्जदाताओं को तीन मामलों में 100 प्रतिशत से अधिक वसूली मिली।
कुछ बड़े मामलों में भूषण स्टील के मामले में 57,505.05 करोड़ रुपए, इलेक्ट्रोस्टील मामले में 13,958 करोड़ रुपए और मोनेट इस्पात मामले में 11,478.08 करोड़ रुपए की वसूली हुई।
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