नयी दिल्ली। वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि सरकार विदेशी बाजारों में सॉवरेन बांड (सरकारी प्रतिभूतियां) बेचकर धन जुटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी। उम्मीद है कि इसे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जारी कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बीते शुक्रवार को आम बजट 2019-20 में घोषणा की कि सरकार अब सकल सार्वजनिक ऋण का कुछ हिस्सा विदेशी बाजारों में सरकारी प्रतिभूतियां बेचकर जुटाएगी। भारत पहली बार इस तरह का कदम उठाने जा रहा है। यद्पि इस कदम में विदेशी विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का जोखिम भी शामिल है।
सीतारामन ने बजट में जिक्र किया है कि भारत सरकार पर विदेशी कर्ज सकल घरेलू उत्पाद के पांच प्रतिशत से भी कम है जो दुनिया के किसी भी देश से तुलना में कम है। गर्ग ने कहा कि इस बारे में नीतिगत फैसला हो चुका है। सरकार ने अपना इरादा साफ कर दिया है कि हम अब विदेशी मुद्रा में अंकित सरकारी प्रतिभूतियां विदेशी बाजार में बेचेंगे। अब सवाल यह है कि हमारे ऐसे निर्गम का उचित आकार और तौर-तरीका क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही सलाहकारों की नियुक्ति की जाएगी। ये सलाहकार सरकार को निर्गम के आकार और मुद्राओं की विनिमय दर स्थिरता इत्यादि के बारे में सलाह देंगे। उन्होंने कहा कि हम पहला निर्गम इसी वित्त वर्ष में लाना चाहेंगे। मुझे लगता है कि सितंबर के आखिर तक हम इस बारे में कोई योजना तय करने की स्थिति में होंगे। विदेशों में जारी की जाने वाली सरकारी प्रतिभूतियों से जुटाया जाने वाला ऋण सरकार के चालू वित्त वर्ष में जुटाए जाने वाले कुल ऋण कार्यक्रम का हिस्सा है।
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