नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आधार पर वित्त मंत्रालय जल्दी ही बढ़ते NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) के मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति का गठन करेगा और इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाएगा। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, माननीय उच्चतम न्यायालय के सुझाव के मुताबिक एनपीए के मुद्दे पर विचार करने के लिए जल्दी ही समिति के गठन की घोषणा की जाएगी।
अधिकारी ने कहा कि वह एनपीए से जुड़े विभिन्न मुद्दों और इस पर नियंत्रण के तरीकों पर विचार करेगी।
समिति फंसे कर्ज और उस पर अंकुश लगाने के लिये उससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गौर करेगी। साथ ही रिण मंजूरी प्रक्रिया और प्रणाली में अगर कोइ खामी है तो उस पर भी ध्यान देगी।
एक अधिकारी ने कहा कि इस समिति के लिए कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है जिनमें यूनियन बैंक आफ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरण तिवारी, इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक एम के जैन और कानून विशेषग्य एम आर उमरजी शामिल हैं। इसके अलावा समिति के अध्यक्ष वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी हो सकते हैं।
पिछले महीने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुझाव दिया था कि केंद्र विशेषग्यों की एक समिति के गठन पर विचार करे जो एनपीए से जुड़े हर मुद्दे पर विचार करेगी। मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति आर भानुमति और यू यू ललित ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था, आप एक समिति का प्रस्ताव करें जो इस पर विचार करे। हम इस प्रस्ताव को स्वीकर कर लेंगे।
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