नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) को अमली जामा पहनाने में अब केवल दो दिन बचे हैं। ऐसे में वित्त मंत्रालय ने GST कानून के विभिन्न प्रावधानों को अधिसूचित करना शुरू कर दिया है। इनमें ब्याज की गणना करना, इनपुट टैक्स क्रेडिट और मूल्यांकन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। वित्त मंत्रालय केंद्रीय GST (CGST), एकीकृत GST (IGST) और संघ शासित प्रदेश GST कानून के प्रावधानों और उनसे जुड़े नियमों को अधिसूचित कर रहा है। इनमें कर चालान, क्रेडिट और डेबिट नोट, लेखा और रिकॉर्ड, रिटर्न, कर के भुगतान, रिफंड, आकलन एवं ऑडिट तथा अग्रिम नियमन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।
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मंत्रालय ने इसके साथ ही अपील और पुनर्समीक्षा, बदलाव के दौर से जुड़े प्रावधानों, मुनाफा-रोधी और ई-वे से जुड़े नियमों को भी अधिसूचित किया गया है। ये नियम एक जुलाई से अमल में आ जाएंगे।
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अधिसूचना के मुताबिक कर का देरी से भुगतान करने पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। इसके साथ ही इनपुट क्रेडिट का अधिक दावा करने के मामले में 24 प्रतिशत ब्याज देय होगा। इसी तरह आउटपुट देनदारी पर अधिक कमी करने पर भी इतनी ही दर से ब्याज देय होगा। रिफंड यदि रोका जाता है तो उस पर 6 प्रतिशत दर से ब्याज देना होगा।
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