नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय सीपीएसई का भारत-22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का अगला चरण चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में लाने की योजना है। सरकार चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपए का महत्वाकांक्षी विनिवेश लक्ष्य पाने के लिए यह कदम उठा रही है। सूत्रों ने बताया कि पहली तीन तिमाहियों में विनिवेश प्रक्रिया से प्राप्ति के आधार पर ईटीएफ के अगले चरण पर फैसला किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि इसी के आधार पर यह तय किया जाएगा कि चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए ईटीएफ से कितनी राशि जुटाने की जरूरत है। सीपीएसई ईटीएफ को पहली बार मार्च, 2014 में पेश किया गया था। उसके बाद से पांच बार जनवरी-2017, मार्च-2017, नवंबर-2018, मार्च-2019 और जुलाई-2019 में इसे लाया जा चुका है।
ईटीएफ सार्वजनिक क्षेत्र की 11 कंपनियों में निवेश करता है। इसमें ओएनजीसी, कोल इंडिया, इंडियन आयल कॉरपोरेशन, आयल इंडिया, गेल, इंजीनियर्स इंडिया लि. और कंटेनर कॉरपोरेशन आफ इंडिया शामिल हैं। सरकार ने जुलाई में सीपीएसई ईटीएफ के आखिरी चरण से 11,500 करोड़ रुपए जुटाए थे।
Bharat-22 ईटीएफ को पहली बार 2017 में पेश किया गया था। इससे सरकार को लगभग 40000 करोड़ रुपए जुटाने में मदद मिली थी। इस ईटीएफ का चौथा चरण अक्टूबर में आया था, जो 2000 करोड़ रुपए के बेस इश्यू साइज से 12 गुना ज्यादा सब्सक्राइब हुआ था। Bharat-22 ईटीएफ का हिस्सा सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज हैं, जिनमें ONGC, IOC, SBI, BPCL, कोल इंडिया और नाल्को शामिल हैं। इसके अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियर्स इंडिया, NBCC, NTPC, NHPC, SJVNL, GAIL, PGCIL, NLC India, Axis Bank, ITC, REC, PFC, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और L&T अन्य घटक हैं। (इनपुट- पीटीआई)
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