नई दिल्ली। आम बजट को पेश करने की तारीख आगे बढ़ाने की योजना बना रहे वित्त मंत्रालय ने आज संसदीय समिति को प्रस्तावित बदलावों के साथ ही साथ रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाए जाने के सरकार के फैसले के बारे में जानकारी दी।
वित्त सचिव अशोक लवासा ने वित्त पर संसद की स्थायी समिति के सदस्यों को प्रस्तावित बजट सुधारों के पीछे उद्देश्य के बारे में बताया। अभी तक आम बजट फरवरी माह के अंतिम कार्य दिवस पर लोक सभा में पेश किया जाता है। लवासा ने सदस्यों द्वारा आम बजट और रेल बजट को मिलाने संबंधी सवालों के जवाब भी दिए। कुछ सदस्यों ने रेलवे को उसके पीएसयू से मिलने वाले राजस्व पर भी सवाल उठाए। रेलवे बोर्ड चेयरमैन समिति के सदस्यों को 21 अक्टूबर को एक प्रजेंटेशन देंगे। इस समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली हैं।
- सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय 30 जनवरी से 2 फरवरी के बीच आम बजट पेश करने की योजना बना रहा है।
- इसके पीछे उद्देश्य यह है कि बजट की पूरी प्रक्रिया को 31 मार्च से पहले निपटा लिया जाए।
- मंत्रालय का कहना है कि बजट सत्र आगे बढ़ाने से एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने में बहुत आसानी होगी।
- सरकार को संसद में बजट प्रक्रिया पूरी करने में 8-9 सप्ताह का समय लगता है।
- सरकार की योजना के मुताबिक बजट 2 फरवरी को पेश किया जा सकता है। 10 फरवरी को संसद का सत्रवासन होगा।
- 10 मार्च के करीब दोबारा सत्र चालू होगा और वित्त विधेयक पर चर्चा कर इसे 31 मार्च तक पारित किया जाएगा।
- केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले महीने रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाने के प्रस्ताव को अनुमति दी थी।
- कैबिनेट ने वित्त मंत्रालय के बजट पेश करने की तारीख को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
- कैबिनेट ने बजट और एकाउंट में प्लान और नॉन-प्लान वर्गीकरण के समायोजन की भी मंजूरी दी है।
- अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा 1924 में शुरू हुई थी और तब से लगातार जारी थी।
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