A
Hindi News पैसा बिज़नेस UPA के कार्यकाल में कालेधन पर तैयार रिपोर्टों की समीक्षा कर रहा है वित्‍त मंत्रालय

UPA के कार्यकाल में कालेधन पर तैयार रिपोर्टों की समीक्षा कर रहा है वित्‍त मंत्रालय

वित्‍त मंत्रालय ने कहा है कि वह पूर्ववर्ती UPA सरकार के कार्यकाल में देश और विदेश में भारतीयों के कालेधन पर तीन रिपोर्टों की समीक्षा कर रहा है।

UPA के कार्यकाल में कालेधन पर तैयार रिपोर्टों की समीक्षा कर रहा है वित्‍त मंत्रालय- India TV Paisa UPA के कार्यकाल में कालेधन पर तैयार रिपोर्टों की समीक्षा कर रहा है वित्‍त मंत्रालय

नई दिल्ली। वित्‍त मंत्रालय ने कहा है कि वह पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के कार्यकाल में देश और विदेश में भारतीयों के कालेधन पर तीन रिपोर्टों की समीक्षा कर रहा है। संप्रग सरकार के कार्यकाल में ये रिपोर्ट तैयार कराई गई थीं। इन्हें तीन साल पहले सौंपा जा चुका है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इन रिपोर्ट के निष्कर्षों को आरटीआई कानून के तहत खुलासे से छूट है और अभी उनकी समीक्षा की जा रही है। अभी इन रिपोर्ट को संसद के पास नहीं भेजा गया है।

यह भी पढ़ें : रेलवे के 12.30 लाख कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा, 78 दिन की सैलरी के बराबर मिलेगा बोनस

दिल्ली के नेशनल इंस्टिट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी), नेशनल काउंसिल आफ एप्लायड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के अलावा फरीदाबाद के नेशनल इंस्टिट्यूट आफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट (एनआईएफएम) ने यह रिपोर्ट्स तैयार की हैं।

एनआईपीएफपी, एनसीएईआर और एनआईएफएम की रिपोर्ट सरकार को क्रमश: 30 दिसंबर, 2013, 18 जुलाई, 2014 और 21 अगस्त, 2014 को मिली हैं। मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार मई 2014 में सत्‍ता में आई थी। वित्‍त मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि आरटीआई कानून, 2005 की धारा 8 1सी के तहत इस सूचना का खुलासा न करने की छूट है। तीनों संस्थानों से मिली रिपोर्ट की सरकार समीक्षा कर रही है। इन रिपोर्ट को सरकार के जवाब के साथ अभी तक विा पर स्थायी समिति के जरिए संसद में नहीं रखा गया है।

यह भी पढ़ें : चीनी कार कंपनी Chery की है भारत में प्रवेश करने की योजना, टाटा मोटर्स के साथ मिला सकती है हाथ

ये रिपोर्ट संसद की वित्‍त पर स्थायी समिति को पहले ही सौंपी जा चुकी हैं। अभी तक देश और विदेश में कालेधन के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। अमेरिकी शोध संस्थान ग्लोबल फाइनेंशियल इंटिग्रिटी (जीएफआई) के हालिया अध्ययन के अनुसार 2005 से 2014 के दौरान भारत में 770 अरब डॉलर का कालाधन आया। वहीं इस अवधि में देश से बाहर 165 अरब डॉलर का कालाधन गया।

Latest Business News