नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) अधिकारियों को आश्वस्त किया कि नई GST व्यवस्था में अप्रत्यक्ष कर विभाग के कार्यबल में कोई कटौती नहीं होगी और उनके विचारों जानने के बाद ही मानव संसाधन नीति तैयार की जाएगी। पिछले सप्ताह मंत्रालय के साथ बैठक में केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारियों ने नई व्यवस्था के साथ प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा उत्पाद शुल्क एवं सेवा करदाताओं को राज्यों को सौंपे जाने बारे में अपनी चिंता जताई थी। उनका कहना था कि इससे कार्यबल घट सकता है।
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ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ सेंट्रल एक्साइस गजेटेड एक्जक्यूटिव ऑफिसर्स के महासचिव रवि मलिक ने कहा
हमने नई व्यवस्था में कार्यबल के घटने और मानव संसाधन नीति के संदर्भ में चिंता जतायी। बोर्ड ने हमें आश्वस्त किया है कि कार्यबल में कोई कटौती नहीं होगी। साथ ही उन्होंने हमसे मानव संसाधन पर अपनी राय देने को कहा है जिसे नीति बनाने समय ध्यान में रखा जाएगा।
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एसोसिएशन ने धरने की योजना की स्थगित
- एसोसिएशन ने 14 अक्टूबर को इस संदर्भ में धरना की योजना बनायी थी लेकिन बोर्ड से मिले आश्वासन के बाद योजना स्थगित कर दी गयी।
- मलिक ने कहा, हमने मांग की है कि 11 लाख सेवा करदाता फिलहाल केंद्र के दायरे में है। GST व्यवस्था में यह स्थिति बनी रहनी चाहिए।
- बोर्ड ने यह भी कहा कि GST परिषद की अगली बैठक में इस बारे में अंतिम निर्णय किया जाएगा और हम उसके बाद आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
- सरकार ने एक अप्रैल 2017 से वस्तु एवं सेवा कर लागू करने की योजना बनायी है। GST उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा अन्य स्थानीय करों का स्थान लेगा।
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