नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 22,915 करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने की घोषणा के बाद बैंकों से बाजार के जरिए धन जुटाने की योजना के बारे में ब्योरा देने को कहा है। इसमें सार्वजनिक पेशकश और गैर-प्रमुख संपत्ति की बिक्री शामिल है। सूत्रों ने कहा, पूंजी डाले जाने से बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। इससे बैंकों को बाजार से कोष जुटाने में मदद मिलेगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य वित्त अधिकारियों की वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में बैंकों को बाजार से कोष जुटाने के बारे में विस्तृत ब्योरा देने को कहा गया। हाल में बैंकों को दी गई पूंजी पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।
वित्त मंत्रालय ने पिछले साल इंद्रधनुष कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसके तहत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में चार साल में 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालेगी। साथ ही बैंक बाजार से 1.1 लाख करोड़ रुपए जुटाएंगे ताकि वे वैश्विक जोखिम मानक बासेल-तीन के अनुरूप अपनी पूंजी जरूरतों को पूरा कर सके। सूत्रों के अनुसार घोषित आवंटन में से 75 फीसदी तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि शेष को बैंकों के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा। बैंकों में पूंजी डाले जाने से सरकार की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
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