नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र सरकार की ओर से किसानों के कर्ज माफ किए जाने की बात से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोई लोन माफी योजना नहीं लाने जा रही है। लेकिन राज्य सरकारें अपने संसाधनों के जरिए इस दिशा में प्रयास कर सकती हैं। आपको बता दें कि यूपी की कई चुनावी रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में ही गरीब किसानों के लोन माफ करने का वादा किया था।
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मंत्री अरुण जेटली ने कहा
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार इस नीति में राज्यवार भेद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से किसी विशेष राज्य को मदद करने और किसी दूसरे को न करने की नीति नहीं अपनाई जाएगी।
केंद्र अपनी नीतियां पर काम करेगा
अरुण जेटली ने कहा, कई राज्यों से लोन माफी की मांग उठी है। कृषि सेक्टर को लेकर केंद्र सरकार की अपनी नीतियां हैं, जिनके तहत वह लोन पर ब्याज में छूट और अन्य सहायता देती है। हम इन सुविधाओं को लगातार जारी रखेंगे।
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ऐग्रिकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादे पर अमल करते हुए सूबे के छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे।
मुख्य विपक्षी दल कर रहे है कर्ज माफी की मांग
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने देश भर के किसानों के कर्ज माफ किए जाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि उसके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2006 में देश भर के किसानों के लोन माफ किए थे। यही नहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने यूपी के किसानों की तर्ज पर ही महाराष्ट्र में भी लोन माफ किए जाने की मांग की है।
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